जनता की समस्याओं का कोई समाधान नहीं
कंगना ने अपनी बात को और तीखा करते हुए कहा, “हम पढ़ते हैं और शर्मिंदगी होती है कि ये क्या हो रहा है। समोसे की जांच के लिए एजेंसियां लगा दीं, लेकिन जनता की समस्याओं का कोई समाधान नहीं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि होटल व्यवसायियों सहित स्थानीय लोग भी बिजली दरों में वृद्धि से परेशान हैं।
विद्युत बोर्ड ने बताई वजह
इस बयान के बाद कंगना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जहां कई लोग उनकी बात का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ ने इसे राजनीतिक बयानबाजी करार दिया। कंगना ने इस मौके पर कांग्रेस सरकार को “भेड़ियों का झुंड” तक कह डाला और कहा कि प्रदेश को इस स्थिति से निकालने की जरूरत है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड ने इस मामले पर सफाई दी है। बोर्ड के अनुसार, कंगना का बिजली बिल दो महीने का है, जिसमें पुराना बकाया भी शामिल है। साथ ही, उनके घर का कनेक्टेड लोड सामान्य घरों से कहीं ज्यादा है, जिसके कारण बिल अधिक आया।
समर्थकों का मिला साथ
कंगना के इस बयान ने एक बार फिर हिमाचल की सियासत में हलचल मचा दी है। उनके समर्थक इसे आम जनता की आवाज मान रहे हैं, जबकि आलोचक इसे महज सुर्खियां बटोरने की कोशिश बता रहे हैं। कंगना ने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाएंगी और जनता की समस्याओं का समाधान ढूंढने की कोशिश करेंगी। फिलहाल, यह विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है। कंगना की यह बेबाकी और तीखा अंदाज एक बार फिर लोगों का ध्यान खींच रहा है।
विक्रमादित्य सिंह का तीखा पलटवार
इस बयान पर विक्रमादित्य सिंह ने तीखा जवाब देते हुए अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा, “मोहतरमा बड़ी शरारत करती हैं। बिजली का बिल नहीं भरतीं और फिर मंच पर सरकार को कोसती हैं। यह कैसे चलेगा?” उन्होंने कंगना पर समय पर बिल भुगतान न करने का आरोप लगाया और इसे उनकी जिम्मेदारी से भागने की कोशिश करार दिया। विक्रमादित्य ने यह भी कहा कि कंगना को अपनी सांसद की जिम्मेदारियों पर ध्यान देना चाहिए, न कि अनर्गल बयानबाजी करनी चाहिए।

वह राजा बाबू हैं, तो मैं भी रानी हूं
इस बीच, कंगना ने विक्रमादित्य पर पलटवार करते हुए पहाड़ी बोली में कहा, “जे विक्रमादित्य राजा बाबूआ तां मिंजो बी क्वीन बोलाएं। असां अप्पूजो कम नी समझना।” यानी, अगर वह राजा बाबू हैं, तो मैं भी रानी हूं और किसी से कम नहीं। कंगना ने यह भी आरोप लगाया कि विक्रमादित्य 2024 के लोकसभा चुनाव में मिली हार को भूल नहीं पा रहे, जहां कंगना ने उन्हें 70,000 से अधिक वोटों से हराया था।
सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
सोशल मीडिया पर यह मुद्दा जमकर वायरल हो रहा है। जहां कुछ लोग कंगना की बेबाकी की तारीफ कर रहे हैं, वहीं कई यूजर्स ने उनके बिल भुगतान में देरी पर सवाल उठाए हैं। यह सियासी तकरार अब हिमाचल की राजनीति में नया मोड़ ला सकती है, क्योंकि कंगना और विक्रमादित्य के बीच यह जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही।