भारत का कोहिनूर हीरा और एक पन्ना जड़ित सोने की बेल्ट आखिर कब लौटाएगा ब्रिटेनका राजपरिवार?

HomeBlog भारत का कोहिनूर हीरा और एक पन्ना जड़ित सोने की बेल्ट आखिर...

Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img

Mehsanaના ખેરાલુમાં ભંગારના ગોડાઉનમાં આગની ભીષણ ઘટના, મોટાપાયે માલસામાનને નુકસાન

https://www.youtube.com/watch?v=rS_ApyYiJTAમહેસાણાના ખેરાલુમાં ભંગારના ગોડાઉનમાં આગની ભીષણ દુર્ઘટના બની. દેસાઈ વાડા નજીક ગોડાઉનમાં ભીષણ આગમાં દૂર-દૂર સુધી ધુમાડાના ગોટેગોટા દેખાયા.ભંગારના ગોડાઉનમાં લાગેલ આગે વિકરાળ સ્વરૂપ...

ब्रिटीश काल में जब अंग्रेजों ने 1849 में पंजाब पर अधिकार कर लिया तब लॉर्ड डलहौजी ने रणजीत सिंह के उत्तराधिकारी 13 वर्षीय दिलीप सिंह द्वारा महारानी विक्टोरिया को कोहिनूर भेंट किया गया। बालक दिलीप सिंह ने कोहिनूर हीरा 1850 -51 में महारानी विक्टोरिया को सौंप दिया था, तब से यह नायाब हीरा इंग्लैंड के शाही परिवार के पास है। ब्रिटिश सरकार के तत्कालीन विभाग इंडिया ऑफिस के अभिलेखागार से मिली फाइल से यह खुलासा हुआ है कि कई कीमती रत्न और जवाहरात भारत से ब्रिटिश शाही खजाने में भेज दिए गए थे। इनमें महाराजा रणजीत सिंह के घोड़ों की पन्ना जड़ित सोने की बेल्ट भी शामिल है।

दोस्तों, ब्रिटेन के किंग चार्ल्स की ताजपोशी के दौरान भारत में जिस बात की सबसे अधिक चर्चा हुई, वो थी कोहिनूर हीरा और एक पन्ना जड़ी सोने की बेल्ट को लौटाने की। आइए जानते हैं, आखिर ब्रिटेन के शाही खजाने में कैसे पहुंची ये बेशकीमती चीजें?

को​हिनूर हीरा 

— ब्रिटेन के लंदन टॉवर में रखा हुआ कोहिनूर हीरा अभी ब्रिटिश ताज का गौरव है। वर्तमान में यह बेशकीमती हीरा ब्रिटेन के राजपरिवार के पास मौजूद है।— कोहिनूर हीरा पहले लगभग 793 कैरेट का था, लेकिन वर्तमान में यह लगभग 105.6 कैरेट का ही रह गया है।

—इतिहास गवाह है, इस बेशकीमती कोहिनूर हीरे का व्यापार कभी नहीं हुआ। यह हीरा विभिन्न कालखण्ड में कई शासकों द्वारा केवल जीता गया या फिर छिना गया अन्यथा किसी खास को बतौर उपहार दिया गया है।

— यह बेशकीमती हीरा मध्यकाल में भी कई शासकों के पास रहा जिनमें इब्राहिम लोदी, बाबर और फिर बाद में शाहजहां के मयूर सिंहासन को भी इस हीरे ने सुशोभित किया।

— साल 1739 मुगलों को हराने के बाद नादिर शाह अपने साथ तख्त-ए-ताउस और कोहिनूर हीरे को फारस ले गया था। आक्रमणकारी नादिर शाह ने इस नायाब हीरे का नाम रखा ‘कोह-ए-नूर’। जिसका अर्थ होता है—”रोशनी का पहाड़”।

— नादिर शाह की मौत के बाद कोहिनूर को उसके सेनापति अहमद शाह दुर्रानी ने अपने कब्जे में ले लिया। अहमद शाह के ही एक वंशज शाह शुजा दुर्रानी ने पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह को हीरा दिया, जिन्होंने बदले में दुर्रानी को अफगानिस्तान के सिंहासन को वापस जीतने में मदद की।

— ब्रिटीश काल में जब अंग्रेजों ने 1849 में पंजाब पर अधिकार कर लिया तब लॉर्ड डलहौजी ने रणजीत सिंह के उत्तराधिकारी 13 वर्षीय दिलीप सिंह द्वारा महारानी विक्टोरिया को कोहिनूर भेंट किया गया। बालक दिलीप सिंह ने कोहिनूर हीरा 1850 -51 में महारानी विक्टोरिया को सौंप दिया था, तब से यह नायाब हीरा इंग्लैंड के शाही परिवार के पास है।

महाराणा रणजीत सिंह की पन्ना जड़ित सोने की बेल्ट

— महाराजा रणजीत सिंह को यूं ही शेरे-ए-पंजाब नहीं कहा जाता है। वह अकेले ऐसे शासक थे जिन्होंने तकरीबन 40 साल तक पंजाब पर राज किया। इसके पीछे उनके शाही अस्तबल की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। बता दें कि उनके शाही अस्तबल में 12 हजार घोड़े थे।  

—एक हजार घोड़े सिर्फ महाराजा रणजीत सिंह की सवारी के लिए थे। उनमें से दो घोड़े हमेशा तैयार रहते थे।

— महाराणा रणजीत सिंह के पास बिना बिना थके घंटों घुड़सवारी करने की क्षमता थी। किसी तनाव अथवा क्रोधित होने की दशा में महाराजा खुद को संयमित रखने के लिए घंटों घुड़सवारी करते थे।

— महाराजा रणजीत सिंह के अस्तबल में शामिल घोड़ों को सजाने के लिए पन्ना जड़ित सोने की बेल्ट का इस्तेमाल किया जाता था।

— ब्रिटिश अखबार द गार्जियन के अनुसार, ब्रिटिश शाही परिवार के कब्जे में भारत के बेशकीमती कोहिनूर के अलावा महाराजा के घोड़ों की एक पन्ना जड़ित सोने की बेल्ट भी शामिल है। 

— ब्रिटिश सरकार के तत्कालीन विभाग इंडिया ऑफिस के अभिलेखागार से मिली फाइल से यह खुलासा हुआ है कि कई कीमती रत्न और जवाहरात भारत से ब्रिटिश शाही खजाने में भेज दिए गए थे। इनमें महाराजा रणजीत सिंह के घोड़ों की पन्ना जड़ित सोने की बेल्ट भी शामिल है।

गौरतलब है कि भारत ने आजादी मिलने के बाद 1947 में ब्रिटेन से कोहिनूर को सौंपने की मांग की थी। इसके बाद सरकार ने साल 1953 में दोबारा कोहिनूर लौटाने की मांग उठाई लेकिन ब्रिटीश गर्वनमेंट ने भारत की मांग को ठुकरा दिया। साल 2018 में संसद सत्र के दौरान भारत सरकार ने कहा था कि कोहिनूर हीरे को लेकर सरकार जनता और सदन की भावनाओं से भलीभांति अवगत है। भारत सरकार इस मामले में संतोषजनक समाधान के लिए प्रयास जारी रखेगी। इस संबंध में ब्रिटेन का कहना है कि भारत के पास कोहिनूर को मांगने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है, क्योंकि पंजाब के तत्कालीन शासक दिलीप सिंह ने इसे ईस्ट इंडिया को तोहफे में दिया था।

#British royal family #return #India #Kohinoor #diamond #golden belt # Britain # London Tower #Ibrahim Lodi  #Babur # Shah Jahan # nadir shah # Maharana Ranjit Singh # Dilip Singh # lord Dalhousie # East India Company

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER.

Never miss out on the latest news.

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

RATE NOW
wpChatIcon
wpChatIcon