आजकल की भागती-दौड़ती ज़िंदगी में सबसे ज्यादा किसी पर असर हो रहा है तो वो है हमारा स्वास्थ्य…जिसके सहारे हम दौड़-भाग रहे हैं उसी को सबसे ज्यादा अनदेखा करते हैं…ऐसे में जाने-अनजाने हम कई बीमारियों को न्योता दे देते हैं…
शरीर में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना एक गंभीर समस्या है जो आपको दिल के रोग, नसों के रोग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारियों का शिकार बना सकती है…ऐसा माना जाता है कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कोई पक्के लक्षण नहीं होते हैं…यही वजह है कि डॉक्टर हमेशा ब्लड टेस्ट कराने की सलाह देते हैं…हालांकि कुछ संकेत हैं जिनके जरिए आप जान सकते हैं कि आपके खून में गंदे कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ गया है…शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने पर कुछ संकेत दिखाई देते हैं जिन्हें पहचानकर आप इस बीमारी को आगे बढ़ने से रोक सकते हैं…आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इस समस्या से बच सकते हैं…
आपको बता दें कि हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी एक साइलेंट किलर की तरह है जो धीरे-धीरे इंसान को मारती है…शरीर में कोलेस्ट्रॉल एक वसा या मोम जैसा पदार्थ होता है जो शरीर में कोशिकाओं, कुछ हार्मोन और विटामिन डी बनाने के लिए जरूरी होता है लेकिन अगर शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर 200 मिलीग्राम प्रति डेसी लीटर बढ़ जाए तो वो खतरनाक हो सकता है…जब खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत अधिक समय तक ज्यादा रहता है तो यह हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों को दावत देता है जो कभी-कभी जानलेवा साबित होता है…
क्लाउडिकेशन खून के बहाव में कमी की वजह से होने वाला दर्द है जो हाई कोलेस्ट्रॉल के सबसे महत्वपूर्ण लक्षणों में से एक है…इससे पैरों की मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और थकान पैदा होती है…यह अक्सर एक निश्चित दूरी चलने के बाद होता है और कुछ देर आराम करने के बाद दर्द दूर भी हो जाता है…क्लाउडिकेशन का दर्द पूरे पैर के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग समय पर होता है…गर्मी में भी अगर आपको पैरों में ठंडक और कंपन महसूस होता है तो यह पेरिफेरल आर्टरी डिसीस का संकेत हो सकता है जिसकी वजह शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल है…हो सकता है कि इससे शुरू में आपको परेशानी ना हो लेकिन अगर यह लंबे समय तक रहता है तो इसमें और देरी ना करें और अपने डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं नहीं तो परेशानी बढ़ सकती है…
हाई कोलेस्ट्रॉल शरीर में रक्त के प्रवाह को प्रभावित करता है…जब शरीर के कुछ हिस्सों में खून की आपूर्ति कम होती है तो शरीर का वो हिस्सा ठीक तरीके से काम करना बंद कर देता है…ऐसे में अगर आप अपने पैरों की त्वचा की रंगत और बनावट में कुछ बदलाव देखते हैं और इसके पीछे कोई कारण नहीं मिलता है तो संभव है कि ऐसा हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से हो रहा है जिसके इलाज की तुरंत आवश्यकता है…
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