चालक पर कार्रवाई की मांग
वीडियो में देखा जा सकता है कि चालक बस की सीट पर बैठकर नमाज पढ़ रहा है, जबकि बस सड़क के किनारे खड़ी है और बाहर से ट्रैफिक गुजर रहा है। कुछ यात्रियों ने इस पर आपत्ति जताई, लेकिन चालक ने नमाज पूरी की। यात्रियों का कहना है कि सार्वजनिक सेवा में कार्यरत कर्मचारी को ड्यूटी के दौरान इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे यात्रियों को असुविधा हुई।
परिवहन मंत्री ने लिया सख्त रुख
कर्नाटक के परिवहन और मुजरी मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने उत्तर पश्चिम कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (NWKRTC) के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर तत्काल जांच के निर्देश दिए। पत्र में उन्होंने कहा, “हर किसी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है, लेकिन यह कार्यालय समय के दौरान नहीं किया जा सकता। यात्रियों की मौजूदगी में बस को बीच रास्ते में रोककर नमाज पढ़ना आपत्तिजनक है।” मंत्री ने दोषी पाए जाने पर चालक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं।
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं
वायरल वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कुछ यूजर्स ने चालक के व्यवहार को गैर-जिम्मेदाराना बताया और कहा कि यदि यह किसी अन्य धर्म से संबंधित मामला होता, तो तत्काल निलंबन या FIR दर्ज हो चुकी होती। वहीं, कुछ लोगों ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता का मामला बताते हुए चालक का बचाव किया। एक यूजर ने लिखा, “नमाज पढ़ने में 5 मिनट से ज्यादा समय नहीं लगता, इसे इतना बड़ा मुद्दा बनाने की जरूरत नहीं।”
KSRTC ने शुरू की जांच
KSRTC ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद तथ्यों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, चालक से पूछताछ की जा रही है और यात्रियों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं।
हावेरी में बढ़ा विवाद
इस घटना ने हावेरी जिले में व्यापक विरोध को जन्म दिया है। स्थानीय लोगों और कुछ संगठनों ने चालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि सार्वजनिक परिवहन सेवा में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती।