तबादलों के बहाने कांग्रेस में सत्ता संघर्ष फिर उजागर | Power struggle in Congress exposed again on the pretext of transfers

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जल संसाधन विभाग में प्रमुख अधिकारियों के तबादलों ने एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा खड़ा कर दिया है। इन तबादलों ने मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सियासी समीकरण पर सवाल खड़े कर दिए हैं और दोनों के बीच चली आ रही खींचतान फिर एक बार सामने आ गई है। शिवकुमार ने सरकार के कार्यकाल की शुरुआत में ही यह स्पष्ट रूप से बता दिया था कि उनके प्रभार के तहत आने वाले विभागों से संबंधित सभी तबादलों और नियुक्तियों से पहले उनकी स्वीकृति लेनी होगी। शिवकुमार के पास जल संसाधन विभाग भी है। उन्होंने अपने विभाग में बिना सहमति से किए गए तबादलों पर सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने मुख्य सचिव शालिनी रजनीश को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि बिना उन्हें सूचित किए उनके विभाग से किसी भी इंजीनियर को स्थानांतरित न करें। शिवकुमार ने तबादलों को प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताते हुए तुरंत आदेश वापस लेने को कहा है। उनकी टिप्पणी ने सिद्धरामय्या के साथ बढ़ते दरार को लेकर नए सिरे से चर्चा को जन्म दे दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहा है कि भले ही पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व यह कह रहा है कि मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या और शिवकुमार आपसी तालमेल से काम कर रहे हैं लेकिन उपमुख्यमंत्री के तीखे तेवरों ने सरकार के भीतर आंतरिक टकराव और एक-दूसरे पर हावी होने की अटकलों को फिर से हवा दे दी है। विपक्ष ने इसपर निशाना भी साधा है।

बीके हरिप्रसाद से सीएम का मिलना स्वाभाविक: जारकोहीली

उधर, सिद्धरामय्या और बीके हरिप्रसाद के अप्रत्याशित मुलाकात पर लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली ने कहा कि इसमें कुछ भी विशेष नहीं है। उन्होंने कहा कि वह भी गृह मंत्री डॉ जी.परमेश्वर के आवास पर जाते हैं और उनसे मिलते हैं। यह स्वाभाविक है। राजनीति में कोई स्थायी दुश्मन या दोस्त नहीं होता और राजनीति हमेशा एक जैसी नहीं रहती है। यह हमेशा बदलती रहती है। दरअसल, मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने से बीके हरिप्रसाद पार्टी से नाराज चल रहे हैं। शुरु में उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या के खिलाफ तीखी बयानबाजी भी की थी। इस बीच कैबिनेट फेरबदल की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री का उनसे मिलना राजनीतिक हलकों में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। तबादलों के बहाने मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार का आमने-सामने आना भी कैबिनेट में संभावित फेरबदल से जोडक़र देखा जा रहा है।



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