Have you seen India’s ‘Mini Switzerland’…if not then we will take you on a tour.

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क्या आपने देखा है भारत का ‘मिनी स्विट्जरलैंड’…अगर नहीं तो हम घुमाएंगे आपको

छुट्टियां आते ही हम घूमने-फिरने की प्लानिंग करने लगते हैं…ऐसे में बात आती है बेस्ट जगह पर जाने की जो आपकी छुट्टी और पॉकेट के हिसाब से मुफीद हो…अगर आप एक अच्छी जगह देख रह हैं तो भारत में एक स्विट्जरलैंड जैसी जगह है, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से भी जाना जाता है…अगर आप कुछ ऐसी ही बढ़िया जगह पर जाने का मन बना रहे हैं तो चलिए थोड़ा आपको इस बारे में जानकारी देते हैं…

हिमाचल प्रदेश में मौजूद खज्जियार समुद्रतल से 1920 मीटर की ऊंचाई पर हरी-भारी घास से लदा बड़ा मैदान है…जो देखने में आपको ऐसी जगह लगेगी मानों भारत में ही स्विट्जरलैंड आ गया हो…ठंडी-ठंडी हवाओं के झोंके पर्यटकों के रोम-रोम को आनंदित कर देते हैं…आपको ये भी बता देते हैं कि इसका नाम खज्जियार कैसे पड़ा…यहां खज्जी नाग मंदिर का विशेष महत्व है…खज्जी नाग देवता का स्थान होने की वजह से इसका नाम खज्जियार रखा गया है…ये मंदिर प्रसिद्ध खजियार झील के करीब है जो सुनहरे गुंबद और शिखर से सुसज्जित है जिसके कारण इसे ‘स्वर्ण देवी’ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है…यह 12वीं शताब्दी ईसा पूर्व का मंदिर है जो नागों के देवता नागा को समर्पित है…आपको इस स्थान पर हमेशा सांपों की कई मूर्तियां मिलेंगी…

हरे-भरे देवदार के जंगलों से घिरी खज्जियार झील प्राकृतिक वैभव से घिरी हुई है जो हिमाचल प्रदेश में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है…शहर की भागदौड़ और प्रदूषण से दूर अपने मन और शरीर को डीटॉक्स करने के लिए इससे परफेक्ट जगह और कोई नहीं हो सकती..यहां आप पैराग्लाइडिंग, ज़ोरबिंग और घुड़सवारी का आनंद ले सकते हैं…

डलहौजी और खज्जियार झील के बीच वन्यजीव अभ्यारण्य प्रकृति की सैर और हाइकिंग के लिए काफी ज्यादा फेमस है…ये वन्यजीव अभयारण्य 30.69 वर्ग किमी में फैला हुआ है जिसमें ब्लू पाइन, ग्रीन ओक और रोडोडेंड्रोन जैसे पेड़ पाए जाते हैं…इसके अंदर आपको गोरल, हिमालयन ब्लैक मार्टन, लंगूर, सियार, भालू और तेंदुएं भी देखने को मिल जाएंगे…इसके आस-पास रावी नदी की भी छोटी-छोटी सहायक नदियां हैं जो यहां की खूबसूरती और भी ज्यादा बढ़ा देती हैं…

खज्जियार झील के आसपास घने देवदार के जंगलों में पांच पांडव पेड़ भी हैं जो खज्जियार में देखने के लिए सबसे अनोखी जगहों में से एक है…इस पेड़ में 6 अंकुर हैं और स्थानीय लोगों का मानना है कि ये 5 पांडवों और द्रौपदी का प्रतिनिधित्व करते हैं…खज्जियार से डलहौजी की ओर लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर, एक विशाल देवदार का पेड़ है जिसमें बराबर ऊंचाई के लगभग 15 अंकुर हैं…

खज्जियार में रात को रुकने के लिए काफी सुविधा है…यहां लोक निर्माण विभाग और वन विभाग के विश्राम घरों के साथ-साथ पर्यटन निगम के होटल भी मौजूद हैं…इसके अलावा यहां कई छोटे-बड़े होटल और होम स्टे मौजूद हैं…सबसे अच्छी बात ये कि यहां पर रुकने के लिए आपको ज्यादा खर्च भी नहीं करना पड़ेगा इसलिए अगली छुट्टी में आप खज्जियार जाने का प्लान बना सकते हैं… 

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