भारत सरकार द्वारा जारी फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल फेज 2 के तहत केवल उन्हीं कंपनियों को सब्सिडी का लाभ मिल सकता है, जो इलेक्ट्रिव व्हीकल्स बनाने में इंडिया में बने कंपोनेंट्स का इस्तेमाल करें। दरअसल इन कंपनियों पर इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स बनाने में उपयुक्त कंपोनेंट्स का इस्तेमाल नहीं करके गलत तरीके से सब्सिडी का फायदा लेने का आरोप लगा है।
जांच के दायरे में हैं 11 कंपनियां
भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली कुल 26 कंपनियां सब्सिडी के लिए एलिजिबल हैं। इनमें से कुल 11 कंपनियां ऐसी हैं जिनकी ब्रिकी, कुल बिक्री के 90 फीसदी से भी ज्यादा है। ये सभी 11 कंपनियां जांच के दायरे में हैं। ऐसे में सरकार ने अब इन कंपनियों की सब्सिडी पर रोक लगा दी है। सब्सिडी रुकने के बाद से ये कंपनियां आर्थिक संकट का सामना कर रही है।
मार्च 2024 के बाद से सब्सिडी का खात्मा
आपको जानकारी के लिए बता दें कि मार्च 2024 के बाद इन्हें सब्सिडी मिलना बंद हो जाएगी। मतलब साफ है, फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME-II) योजना के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सरकार द्वारा मूल रूप से आवंटित राशि, जो ₹2,000 करोड़ तय की गई थी, समाप्त हो गई है। लिहाजा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बनाने वाली कंपनियों को जहां आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा वहीं कस्टमर्स को व्हीकल्स खरीदते समय ज्यादा कीमत देना होगा।
इलेक्ट्रिक टूव्हीलर्स मार्केट में गिरावट
आपको बता दें कि भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय ने सब्सिडी रेट 15000 रुपए प्रति किलोवाट से कम करके 10000 रुपए प्रतिकिलोवाट करने की घोषणा की है। यह सब्सिडी रेट 1 जून 2023 से लागू भी हो जाएगा। इस संबंध में मंत्रालय का कहना है कि यह सब्सिडी रेट केवल इलेक्ट्रिक टूव्हीलर्स पर ही लागू होगा।
यहां तक कि इलेक्ट्रिक टूव्हीलर्स को मिलने वाले प्रोत्साहन सीमा को 40 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दिया गया है। लिहाजा इलेक्ट्रिक टूव्हीलर्स की बिक्री में भारी कमी देखने को मिली है। बतौर उदाहरण मार्च 2023 में भारत में कुल 86000 इलेक्ट्रिक टूव्हीलर्स बिके थे जबकि अप्रैल महीने में इनकी संख्या में गिरावट देखने को मिली। मई के महीने में अबतक केवल 39000 इलेक्ट्रिक टूव्हीलर्स ही बिके हैं।
कम स्पेसिफिकेशन वाले इलेक्ट्रिक टूव्हीलर
सरकार द्वारा सब्सिडी रेट कम किए जाने के बाद से कुछ इलेक्ट्रिक टूव्हीलर बनाने वाली कंपनियां अपने प्रोडक्ट में बदलाव भी करने लगी हैं। बताया जा रहा है कि इलेक्ट्रिक टूव्हीलर बनाने वाली कंपनियां अब कम स्पेसिफिकेशन वाले इलेक्ट्रिक वाहन बनाने पर विचार कर रही हैं। यानि फीचर भी कम हो और बैटरी का आकार भी छोटा हो। गौरतलब है कि उद्योग जगत से जुड़े एक्सपर्ट के मुताबिक जब इलेक्ट्रिक टू व्हीलर पर सब्सिडी जून 2021 में बढ़ाकर ₹15000 प्रति किलो वाट कर दी गई थी, तब कई मैन्युफैक्चर ने बैटरी का आकार बढ़ाकर 3 किलो वाट तक कर दिया था। ऐसा लग रहा है कि ज्यादातर कंपनियां अब 2 किलोवाट तक की कैपेसिटी वाला बैटरी ही इलेक्ट्रिक टू व्हीलर में प्रयोग करने जा रही हैं। लिहाजा भारत की सड़कों पर खिलौनों की तरह हल्के इलेक्ट्रिक टूव्हीलर्स दिखने की संभावना बढ़ जाएगी।